1) किस राज्य सरकार ने 15 अक्टूबर 2015 को “माई ब्रिक माई अमरावती” (“My Brick My Amaravati“) नामक एक अनूठी योजना को शुरू किया जिसके तहत लोग 10 रुपए की दर से ई-ब्रिक (ई-ईंट) खरीद कर राज्य सरकार की वित्तीय सहायता कर सकेंगे? –आन्ध्र प्रदेश (Andhra Pradesh)
विस्तार: आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू ने 15 अक्टूबर 2015 को राज्य की नई राजधानी “अमरावती” (Amaravati) की स्थापना के लिए लोगों
द्वारा राज्य सरकार को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से “माई ब्रिक माई अमरावती” नामक इस योजना को शुरू किया। योजना के तहत ई-ब्रिक को 10 रुपए प्रति ब्रिक की दर से खरीदा जा सकेगा।
  • ई-ब्रिक खरीदने के लिए लोगों को योजना में अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद ई-ब्रिक के लिए भुगतान करना होगा, जिसे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड अथवा नेट-बैंकिंग की मदद से ऑनलाइन किया जा सकेगा।
  • उल्लेखनीय है कि यह योजना राज्य की नई राजधानी अमरावती के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए शुरू की गई है। राज्य का मानना है कि विजयवाडा तथा गुण्टूर नगरों के बीच स्थापित की जा रही इस राजधानी के निर्माण में लगभग 20,000 करोड़ रुपए का खर्च आयेगा। अमरावती की आधारशिला 22 अक्टूबर 2015 को रखी जायेगी।


2) अपनी तरह की बिलकुल नई पहल के तहत भारतीय रेल (Indian Railways) ने बाजार से खुली बोली (open bidding) योजना के तहत 50 मेगावॉट विद्युत प्राप्त करने के लिए 15 अक्टूबर को एक समझौता किया। यह पहला मौका जब रेलवे किसी राजकीय विद्युत वितरण कम्पनी से बिजली न खरीद कर इसे खुले बाजार से खरीदेगी। रेलवे इतिहास में हुए अपने तरह के इस पहले समझौते में रेलवे का कौन सा मण्डल शामिल है? – उत्तर-मध्य रेलवे (NCR)
विस्तार: उत्तर-मध्य रेलवे ने 15 अक्टूबर को 50 मेगावॉट बिजली खरीदने के लिए यह समझौता अदाणी पॉवर (Adani Power Limited) के साथ किया। समझौते के तहत अदाणी पॉवर अगले तीन वर्षों तक उत्तर-मध्य रेलवे को 3.69 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली की आपूर्ति करेगा।
  • इस समझौते से भारतीय रेलवे को अगले तीन सालों के दौरान 150 करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे बिजली का बहुत बड़ा उपभोक्ता होने के बावजूद राज्यों की विद्युत आपूर्ति कम्पनियों से काफी ऊँची दरों पर बिजली प्राप्त करता है। यह औसत दर 6.75 रुपए प्रति यूनिट तक है। इस बार के रेल बजट में केन्द्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने खुले बाजार से बिजली खरीदने का प्रस्ताव रखा था ताकि रेलवे के विद्युत बिल में कटौती की जा सके। इस प्रयास को पूर्णतया लागू किए जाने से आने वाले वर्षों में रेलवे को कम से कम 3,000 करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान लगाया गया है।
  • इसी प्रयास के तहत भारतीय रेलवे के तहत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम रेल ऊर्जा प्रबन्धन कम्पनी लिमिटेड (Railway Energy Management Company Limited – REMCL) ने उत्तर-मध्य रेलवे के लिए खुले बाजार से बिजली खरीदने के लिए बोलियाँ आमंत्रित की थीं। जिसमें सबसे कम बोली लगा कर बिजली आपूर्ति का सौदा अदाणी पॉवर ने हासिल किया।

3) सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने 16 अक्टूबर 2015 को दिए अपने महत्वपूर्ण तथा दूरगामी प्रभाव वाले निर्णय में देश की उच्च-स्तरीय न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति से सम्बन्धित दो दशक पुरानी कोलीज़ियम व्यवस्था (Collegium system) के स्थान पर राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) का गठन करने के केन्द्र सरकार की योजना को रद्द करते हुए पुन: कोलीज़ियम व्यवस्था को अपनाने का आदेश दिया। इससे केन्द्र सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन के लिए कौन सा संवैधानिक संशोधन प्रस्तावित था? – 99वाँ संवैधानिक संशोधन
विस्तार: उल्लेखनीय है कि उच्च-स्तरीय न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति से सम्बन्धित कोलीज़ियम व्यवस्था (Collegium system) में सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश समेत पाँच वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायाधीशों की नियुक्ति में भूमिका निभाते हैं। यह व्यवस्था 1993 में शुरू की गई थी। केन्द्र सरकार इस व्यवस्था को समाप्त कर इसके स्थान पर राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (National Judicial Appointments Commission – NJAC) का गठन करने की योजना बनाकर इसको अमल में लाने की तैयारी कर ली थी। इस नई व्यवस्था में न्यायिक नियुक्ति में सरकार का हस्तक्षेप हो जाने की अटकलों के बीच सर्वोच्च न्यायालय ने इसे अनुचित बताते हुए इसे अवैध करार दिया। उसने आदेश दिया कि अब न्यायाधीशों की नियुक्ति कोलीज़ियम व्यवस्था द्वारा ही की जायेगी।
  • NJAC की प्रस्तावित व्यवस्था से जुड़ा सबसे विवादास्पद पहलू आयोग में दो प्रतिष्ठित लोगों को सदस्य बनाए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव था। इस प्रस्ताव से न्यायाधीशों की नियुक्ति में सरकार का हस्तक्षेप हो जाने की अटकले लगाई जा रहीं थीं तथा न्यायपालिका से जुड़े लोग इसका विरोध कर रहे थे।
  • NJAC के गठन के चलते ही 99वें संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता पड़ी थी ताकि इस आयोग को वैधानिक शक्ति प्रदान की जाय।

4) भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 15 अक्टूबर 2015 को वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बल देने के लिए एक नया कोष – फाइनेंशियल इन्क्ल्यूशन फण्ड (Financial Inclusion Fund – FIF) स्थापित करने की घोषणा की। इस नवगठित कोष के तहत कितनी निधि रखी जायेगी? – रु. 2,000 करोड़
विस्तार: फाइनेंशियल इन्क्ल्यूशन फण्ड (FIF) की स्थापना देश में वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) तथा इससे सम्बन्धित अनुसंधान को बल देने तथा प्रौद्यौगिकी हस्तांतरण (technology transfer) के लिए की जायेगी। इसके द्वारा देश में वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों को बल मिलेगा तथा लोगों में इसके सम्बन्ध में जागरूकता फैलाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा सम्बन्धित तकनीकों के विकास के लिए अनुसंधान पर जोर दिया जायेगा। हालांकि इस कोष का प्रयोग बैंकिंग तथा अन्य व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जायेगा।
  • उल्लेखनीय है कि इस वित्तीय समावेशन के लिए आरबीआई अभी तक दो तरह के कोषों का संचालन कर रहा था – फाइनेंशियल इन्क्ल्यूशन फण्ड (Financial Inclusion Fund) तथा फाइनेंशियल इन्क्ल्यूशन टैक्नोलॉजी फण्ड (Financial Inclusion Technology Fund)। अब RBI ने निर्णय लिया है कि इन दोनों कोषों का विलय कर इसे फाइनेंशियल इन्क्ल्यूशन फण्ड (FIF) के नाम से ही पुकारा जायेगा। इस कोष का प्रयोग अगले तीन वर्ष अथवा इस योजना में शामिल समस्त भागीदारों द्वारा लिए अगले गए निर्णय तक किया जाने का प्रस्ताव है।
  • फाइनेंशियल इन्क्ल्यूशन फण्ड का प्रशासन केन्द्र सरकार द्वारा एक पुनर्गठित सलाहकार बोर्ड द्वारा किया जायेगा जबकि इसका संचालन व प्रबन्धन नाबार्ड (NABARD) द्वारा किया जायेगा।


5) प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) ने 15 अक्टूबर 2015 को बैंकों से अवैध तरीके से धन हस्तांतरित किए जाने के मामले में सात और बैंकों को जाँच में शामिल किया क्योंकि उन पर भी ऐसे हस्तांतरणों में लिप्त रहने का आरोप लगा है। ये सात बैंक कौन से हैं? – ING वैश्या बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिन्द्रा बैंक, इण्डस-इण्ड बैंक (Indusind Bank), धनलक्ष्मी बैंक, यस बैंक और DCB बैंक
विस्तार: इन सात बैंकों पर आरोप लगाया गया है कि इनकी शाखाओं की मदद से वर्ष 2010 से 2014 की समयावधि के बीच अवैध तरीके से धन का हस्तांतरण किया गया है।
  • इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक और भांडा फोड़ते हुए मनीश जैन नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया। उस पर आरोप है कि उसने ओरियण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) की राजपुर (गाज़ियाबाद) की शाखा से वर्ष 2006 से 2010 के बीच 505 करोड़ रुपए का हस्तांतरण अवैध तरीके से विदेशों में किया है।
  • उल्लेखनीय है कि इस मामले का खुलासा बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) की शाखा द्वारा 6,172 करोड़ रुपए की राशि अवैध तरीके से विदेश हस्तांतरित किए जाने के एक मामले से हुआ था जिसकी जाँच विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जा रही है।


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