1) 27 नवम्बर 2015 को टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) में एक नया इतिहास जुड़ गया जब पहला डे-नाइट टेस्ट मैच (First Day-night Test Match) इस दिन शुरू हुआ। मेजबान ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड के बीच यह ऐतिहासिक टेस्ट मैच किस क्रिकेट ग्राउण्ड में शुरू हुआ? – एडीलेड ओवल (The Adelaide Oval)
विस्तार: टेस्ट क्रिकेट इतिहास का पहला डे-नाइट टेस्ट-मैच 27 नवम्बर 2015 को ऑस्ट्रेलिया के शहर एडीलेड स्थित प्रसिद्ध मैदान एडीलेड ओवल (The Adelaide Oval) में शुरू हुआ। इस मैच में फ्लड लाइट तथा गुलाबी रंग की गेंद (pink ball) का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि खिलाड़ियों की पोशाक का रंग पहले की तरह सफेद ही रखा गया है।
इस प्रकार यह टेस्ट मैच क्रिकेट की टेस्ट परंपरा से काफी जुदा है जिसमें अभी तक लाल रंग की गेंद का इस्तेमाल किया जाता था तथा मैच पूरी तरह से प्राकृतिक रोशनी पर
निर्भर करता था। माना जाता है कि टेस्ट क्रिकेट की परंपरा 1870 से कायम है तथा इसमें बहुत मामूली बदलाव ही इससे पहले किए गए थे क्योंकि अधिकांश कट्टरवादी टेस्ट प्रेमी पुरानी परंपराओं को लाने की खिलाफत करते रहे हैं। लेकिन इस प्रकार के क्रिकेट में लोगों की अधिक दिलचस्पी को देखते हुए यह बदलाव कर पहली बार इस प्रकार का टेस्ट मैच आयोजित किया गया।
यह मैच एडीलेड के स्थानीय समयानुसार दोपहर 2 बजे शुरू हुआ जबकि अभी तक टेस्ट मैच की शुरूआत प्रात: लगभग 10 बजे होती थी। शाम को मैच का आयोजन फ्लड लाइट की दूधिया रोशनी में हुआ। इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच की पहली गेंद ऑस्ट्रेलिया के माइकल स्टार्क ने फेंक। पहले दिन न्यूज़ीलैण्ड की पूरी टीम 202 रन बनाकर आउट हो गई।
2) किस प्रमुख विदेशी बैंक (foreign banks) ने भारत में अपने निजी बैंकिंग परिचालन (private banking operations) को बंद करने की घोषणा 27 नवम्बर 2015 को की? – एचएसबीसी (HSBC)
विस्तार: ब्रिटेन में मुख्यालय वाले एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी., (HSBC Holdings Plc.) जोकि यूरोप का सबसे बड़ा बैंक है, ने 27 नवम्बर 2015 को घोषणा की कि वह भारत में अपने निजी बैंकिंग परिचालन को बंद कर देगा। निजी बैंकिंग परिचालन को बंद करने का फैसला HSBC समूह ने इस व्यवसाय की वृहद समीक्षा में किया जिसमें इसे संभवत: अलाभकारी माना गया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार HSBC के भारतीय निजी बैंकिंग परिचालन में लगभग 70 लोग कार्यरत हैं।
अब HSBC भारत में अपने निजी बैंकिंग ग्राहकों को बैंक के वैश्विक खुदरा बैंकिंग और सम्पत्ति प्रबन्धन प्लेटफॉर्म (global retail banking and wealth management platform) में स्थानांतरित करने की कोशिश करेगा जिसका नाम एचएसबीसी प्रीमियर (HSBC Premier) है।
HSBC की इस घोषणा के चलते वह भारत में निजी बैंकिंग व्यवसाय को छोड़कर जाने वाले कई विदेशी बैंकों की कड़ी में जुड़ गया है, जो गला-काट प्रतिस्पर्धा वाले इस बैंकिंग क्षेत्र को छोड़कर बाहर निकल चुके हैं।
इससे पहले रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैण्ड (RBS) और मॉर्गन स्टैन्ली (Morgan Stanley) ने भी भारत में अपनी वैश्विक बैंकिंग पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत निजी बैंकिंग इकाइयों को बेच दिया था।
3) केन्द्र सरकार ने 25 नवम्बर 2015 को प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत जारी किए गए रूपे डेबिट कार्डों (RuPay Debit cards) के धारकों को कार्ड के साथ मिलने वाली दुर्घटना बीमा-कवर सुविधा के लिए कार्ड प्रयोग करने की समयावधि को बढ़ाकर 90 दिन कर दिया है। अभी तक यह समयावधि कितनी थी? – 45 दिन
विस्तार: उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत खाता खुलाने वाले लोगों को रुपे डेबिट कार्ड ((RuPay Debit card) के साथ 1 लाख रुपए की दुर्घटना बीमा सुविधा भी प्रदान की जाती है। इस लाभ को हासिल करने के लिए अभी तक दुर्घटना होने से 45 दिन पूर्व इस कार्ड का उपयोग कम से कम एक बार किए जाने का नियम था। लेकिन इसके चलते तमाम कार्ड धारकों को असुविधा पेश रही थी। इसको देखते हुए नेशनल पेमण्ट कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया (NPCI) ने इस समयावधि को बढ़ाकर 90 दिन कर दिया है।
बढ़ाई गई अवधि के लिए उन्हें ही दुर्घटना बीमा का लाभ प्रदान किया जायेगा जिन्हें मृत्यु अथवा अपंगता प्रदान करने वाली यह दुर्घटना 25 नवम्बर अथवा इसके बाद हुई है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत अब तक लगभग 16.54 करोड़ खाताधारकों को रुपे डेबिट कार्ड प्रदान किए गए हैं।
4) प्रसिद्ध उद्योगपति मनसुखभाई कोठारी (Mansukhbhai Kothari) का 90 वर्ष की आयु में कानपुर स्थित अपने आवास में 27 नवम्बर 2015 को निधन हो गया। वे किस सुप्रसिद्ध ब्राण्ड के संस्थापक थे? – पान पराग” (“Pan Parag”)
विस्तार: मनसुखभाई कोठारीकोठारी प्रोडक्ट्स लिमिटेड” (Kothari Products Limited) के संस्थापक थे जिसके तहत पान पराग (Pan Parag) ब्राण्ड के तमाम पान-मसाला ब्राण्डों का उत्पादन किया जाता था। उन्हें देश में पान-मसाला उद्योग के जनक के रूप में भी जाना जाता है तथा उनके प्रयासों के चलते कानपुर देश में पान-मसाला उद्योग की राजधानी के रूप में उभरा था।
1925 में गुजरात में पैदा हुए मनसुखभाई कोठारी परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी होने के कारण लगभग 16 वर्ष की आयु में कानपुर गए थे। शुरू में उन्होंने दैनिक मजदूर के रूप में काम किया था। बाद में उन्हें पान-मसाला क्षेत्र में काफी संभावनाएं दिखी। उन्होंने पान-मसाला का उत्पादन बहुत छोटे से स्तर से किया था तथा थोड़ी सफलता हासिल करने के बाद 1973 में उन्होंने विधिवत अपनी कम्पनीकोठारी प्रोडक्ट्स लिमिटेडकी स्थापना की।
मनसुखभाई ने शिक्षा तथा सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर अपनी सहभागिता की थी।
5) भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (Indian Council of Historical Research – ICHR) के अध्यक्ष (Chairman) पद से इस्तीफा देने वाली हस्ती का क्या नाम है, जिसके बारे में 27 नवम्बर 2015 को मीडिया रिपोर्टें आईं? – प्रो. वाई. सुदर्शन राव
विस्तार: प्रो. वाई. सुदर्शन राव (Prof. Y.Sudershan Rao) को जुलाई 2014 में भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) का अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने किया था। हालांकि इस प्रतिष्ठित पद पर उनकी नियुक्ति पर तमाम प्रमुख इतिहासकारों ने प्रश्नचिन्ह लगाया था।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रो. राव द्वारा इस पद से इस्तीफा देने का मुख्य कारण उनको 1.5 लाख रुपए प्रति माह का मानदेय सरकार द्वारा दिया जाना है। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे के लिए इस कारण को निराधार बताया।
उल्लेखनीय है कि प्रो. राव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की इतिहास संकलन परिकल्पनाअखिल भारतीय इतिहास संकलन योजनाके सदस्य हैं।
भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) के तहत आने वाली एक स्वायत्त संस्था है जो तमाम ऐतिहासिक अनुसंधान तथा शोधों के लिए धन उपलब्ध कराती है। इसके अलावा वह इतिहास शोध में संलग्न इतिहासकारों को भी आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इसका मुख्यालय दिल्ली में है जबकि इसके क्षेत्रीय कार्यालय बंगलूरु (कर्नाटक) और गुवाहाटी (असम) में स्थित हैं।
29-30 dec 2015
1) राष्ट्रमण्डल (Commonwealth) देशों के राष्ट्रप्रमुखों का दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन (CHOGM 2015) 29 नवम्बर 2015 को सम्पन्न हो गया। प्रत्येक दो वर्ष के अंतराल पर आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में 53-राष्ट्रमण्डल देशों के प्रमुखों/प्रतिनिधियों ने भाग लिया। संगठन के इस 24वें शिखर सम्मेलन का आयोजन किस देश में किया गया? – माल्टा (Malta)
विस्तार: 24वें राष्ट्रमण्डल शिखर सम्मेलन (24th CHOGM) का आयोजन 27 नवम्बर से 29 नवम्बर के बीच भूमध्यसागर (Mediterranean Sea) के बीच स्थित खूबसूरत देश माल्टा (Malta) में किया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन 27 नवम्बर को ब्रिटिश साम्राज्ञी महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) ने किया था, जो राष्ट्रमण्डल की पदेन प्रमुख हैं।
उल्लेखनीय है कि इस सम्मेलन का आयोजन पूर्व-नियोजित कार्यक्रम के अनुसार मॉरिशस (Mauritius) में होना था लेकिन वहाँ के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम (Navin Ramgoolam) द्वारा 2013 में श्रीलंका में आयोजित राष्ट्रमण्डल के शिखर सम्मेलन (CHOGM 2013) का बहिष्कार करने के चलते माल्टा को 2015 के इस सम्मेलन की मेजबानी प्रदान कर दी गई थी। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि रामगुलाम को सम्मेलन की मेजबानी हासिल करने के लिए प्रोटोकॉल के तौर पर श्रीलंका में मौजूद रहना चाहिए था लेकिन उन्होंने श्रीलंका में मानवाधिकार हनन के मसले के चलते वहाँ के सम्मेलन का बहिष्कार किया था।
माल्टा में हुए इस शिखर सम्मेलन में संगठन सम्बन्धी मसलों के अलावा जलवायु परिवर्तन तथा सतत विकास के मुद्दे पर भी चर्चा हुई क्योंकि यह सम्मेलन पेरिस में शुरू हो रहे संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (UN Climate Change Conference) के ठीक पहले आयोजित हो रहा था। इसके अलावा यहाँ अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और यूरोपीय शरणार्थी संकट पर भी चर्चा हुई।
इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बजाय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया।
2) राष्ट्रमण्डल (Commonwealth) शिखर सम्मेलन (CHOGM) के वर्ष 2018 में होने वाले अगले संस्करण की मेजबानी किस शहर को प्रदान की गई है? – लंदन (London)
विस्तार: उल्लेखनीय है कि वैसे राष्ट्रमण्डल शिखर सम्मेलन का अगला संस्करण वर्ष 2017 में प्रशांत महासागर के देश वनुआतु (Vanuatu) में होना था लेकिन मार्च 2015 में यहाँ आए भयंकर चक्रवाती तूफानपैम” (Cyclone Pam) के कारण हुई भयंकर तबाही के कारण यहाँ की सरकार ने यहाँ इस सम्मेलन को निरस्त करने का आग्रह किया था।
इस आग्रह को ध्यान में रखते हुए माल्टा (Malta) में आयोजित राष्ट्रमण्डल शिखर सम्मेलन के दौरान लंदन (London) को अगले सम्मेलन का मेजबान चुना गया। यह सम्मेलन अब वर्ष 2017 के बजाय 2018 में आयोजित होगा।
3) 27 नवम्बर 2015 को किसे राष्ट्रमण्डल (Commonwealth) की नई महासचिव (Secretary-General) के तौर पर चुना गया, जिसके चलते वे इस प्रतिष्ठित पद को हासिल करने वाली पहली महिला बन गईं? – पैट्रीशिया स्कॉटलैण्ड (Patricia Scotland)
विस्तार: डॉमिनिका में पैदा हुईं पैट्रीशिया स्कॉटलैण्ड (Patricia Scotland) ब्रिटिश नागरिक हैं तथा वे ब्रिटिश सरकार में एटॉर्नी जनरल की भूमिका निभा चुकी हैं। उन्हें माल्टा में चल रहे राष्ट्रमण्डल शिखर सम्मेलन (CHOGM 2015) में इस संगठन की अगली महासचिव के तौर पर चुना गया।
इस प्रकार वे 53 सदस्य राष्ट्रों के संगठन के इतिहास में चुनी जाने वाली पहली महिला महासचिव बन गईं। वे 1 अप्रैल 2016 को अपना पद संभालेंगी जब भारत के कमलेश शर्मा (Kamalesh Sharma) इस पद पर अपना दूसरा कार्यकाल समाप्त कर सेवानिवृत्त हो जायेंगे।
उल्लेखनीय है कि पूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों के संगठन राष्ट्रमण्डल की पदेन प्रमुख ब्रिटिश साम्राज्ञी महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) हैं जबकि संगठन के तमाम विधायी कार्यों तथा अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर इसका प्रतिनिधित्व करने का काम महासचिव द्वारा किया जाता है।
संगठन के पूर्व महासचिव हैंकनाडा के अरनॉल्ड स्मिथ (1965-1975), गुयाना के श्रीदत्त रामफल (1975-1990), नाइजीरिया के चीफ एमेका अनयाकू (1990-2000) और न्यूज़ीलैण्ड के डॉन मैकिनन (2000-2008)
4) किस मुक्केबाज ने 28 नवम्बर 2015 को आयोजित एक मुकाबले में यूक्रेन के महान मुक्केबाज व्लादिमीर क्लिश्चेन्को (Wladimir Klitschko) को पराजित कर 11 साल से उनके विश्व हैवीवेट चैम्पियन (world heavyweight champion) बने रहने के दौर को समाप्त कर दिया? – टाइसन फ्यूरी (Tyson Fury)
विस्तार: ब्रिटेन के मुक्केबाज टाइसन फ्यूरी (Tyson Fury) ने मुक्केबाजी की दुनिया में एक बड़ा उलटफेर कर दिया जब उन्होंने यूक्रेन के सुप्रसिद्ध मुक्केबाज व्लादिमीर क्लिश्चेन्को (Wladimir Klitschko) को एक खिताबी मुक्केबाजी में अंकों के आधार पर हरा दिया। इस जीत के साथ विश्व हैवीवेट चैम्पियन के तौर पर क्लिश्चेन्को का 11-साल लम्बा दौर भी समाप्त हो गया। यह खिताबी मुकाबला जर्मनी के ड्यूसेलडॉर्फ (Dusseldorf) में आयोजित हुआ।
इस मुकाबले में टाइसन फ्यूरी को 115-112, 115-112 और 116-111 अंकों से पराजित किया। इस जीत के साथ टाइसन फ्यूरी को क्लिश्चेन्को के WBA, IBF, IBO और WBO खिताब मिल गए।
उल्लेखनीय है कि व्लादिमीर क्लिश्चेन्को की गणना विश्व के कुछ महानतम प्रोफेशनल मुक्केबाजों में होती है। हैवीवेट चैम्पियन के तौर पर अपने खिताब की उन्होंने 23 बार सफलतापूर्वक रक्षा की है तथा खिताब की रक्षा करने के मामले में उन्हें दुनिया में दूसरे स्थान पर रखा जाता है।
5) भारतीय मूल के उस अमेरिकी परोपकारी उद्योगपति का क्या नाम है जिसने अपने क्रांतिकारी तथा महात्वाकांक्षी उत्पादस्टेशनरी साइकिल (stationary cycle) पर से 28 नवम्बर 2015 को पर्दा उठाया जिसे कुछ देर चलाने पर नि:शुल्क बिजली का उत्पादन किया जा सकता है? – मनोज भार्गव
विस्तार: भारत में पैदा हुए मनोज भार्गव (Manoj Bhargava) एक अरबपति उद्योगपति हैं जिन्हें अपने उत्पाद 5-ऑवर एनर्जी ड्रिन्क (5-Hour Energy drink) के लिए जाना जाता है। कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उनकी कुल पूँजी लगभग 4 अरब डॉलर है। 28 नवम्बर 2015 को उन्होंने भारत में अपनी स्टेशनरी साइकिल (stationary cycle) पर से पर्दा उठाया। इस बेहद महात्वाकांक्षी उत्पाद के द्वारा भार्गव भारत की बिजली की समस्या को हल करने का एक क्रांतिकारी हल देने की कोशिश करना चाह रहे हैं। इस साइकिल की खास बात है कि इसके पैडल को चलाकर बिजली का निर्माण किया जा सकता है।
इस साइकिल की सीट पर आराम से बैठ कर पैडल चलाने से बिजली बनने लगती है। साइकिल के पैडल चलाने पर फ्लाईव्हील घूमने लगता है जिससे एक जनरेटर की मदद से साइकिल में लगी बैट्री चार्ज होने लगती है। एक घण्टा साइकिल चलाने पर लगभग इतनी बिजली का उत्पादन हो जाने का दावा किया गया है जिससे एक ग्रामीण घर में पूरे दिन की विद्युत आवश्यकता की पूर्ति हो जाती है। इससे घर की कुछ लाइटों, एक छोटे पंखे तथा मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए उपयुक्त बिजली का उत्पादन हो जाता है। इसके लिए बिना किसी बिजली बिल तथा ईंधन खर्च के बिजली बनाई जा सकती है।
मनोज भार्गव अपने इस आविष्कार के द्वारा भारत, विशेषकर इसके ग्रामीण अंचलों, की बिजली समस्या का व्यावहारिक हल निकालने की महात्वाकांक्षी योजना शुरू करना चाहते हैं। वे सबसे पहले इसे उत्तराखण्ड राज्य में लांच करना चाहते हैं। Rs. 12000 से 15000 की कीमत मूल्य की इस साइकिल का उत्पादन भारत में किया जायेगा तथा इसे मार्च 2016 में विधिवत लाँच करने की योजना है।
6) भारत के प्रतिरक्षा क्षेत्र से जुड़े एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में भारत (India) और इज़राइल (Israel) द्वारा मिलकर विकसित की जा रही जमीन से हवा में मार करने वाली लम्बी दूर की मिसाइल प्रणाली (Long Range Surface to Air Missile – LRSAM) का सफल परीक्षण इज़राइल के एक नौसेना अड्डे से 27 नवम्बर 2015 को किया गया। भारत की DRDO और इज़राइल की IAI द्वारा संयुक्त रूप से विकसित इस प्रणाली को इज़राइल में किस नाम से जाना जाता है? – बराक 8
विस्तार: LRSAM (जिसे इज़राइल में बराक 8 (Barack 8) के नाम से भी जाना जाता है) एक लम्बी दूरी की, उन्नत हवाई रक्षा प्रणाली है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएँ हैंइसकी लम्बी मारक क्षमता, इसके साथ एकीकृत राडार, हवा में बिल्कुल सीधे मारने की क्षमता तथा कई लक्ष्यों को एक साथ भेदने की क्षमता।
इस हवाई रक्षा प्रणाली को भारत के रक्षा अनुसंधान एवं अनुसंधान संगठन (DRDO) और इज़राइल की एजेंसी इज़राइल एयरोस्पेस इण्डस्ट्रीज़ (IAI) ने मिलकर विकसित किया है। इस रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण 27 नवम्बर 2015 को एक इज़राइल नौसेना प्लेटफॉर्म से किया गया जहाँ इस प्रक्षेपास्त्र प्रणाली ने अपने तय निशाने को बिल्कुल सही भेदकर नष्ट कर दिया।
अब जल्द इसका परीक्षण भारतीय नौसेना प्लेटफॉर्म से किया जायेगा तथा इसके बाद सेवा में शामिल किया जायेगा। इसे भारत के नौसेना पोत पी-15 (P-15A) में तैनात करने की योजना है।
7) भारत की दिग्गज बैडमिण्टन खिलाड़ी पी.वी. सिन्धु (P V Sindhu) ने जापान की मिनात्सु मितानी को 29 नवम्बर 2015 को हुए फाइनल में पराजित कर मकाऊ ओपन (Macau Open) का महिला एकल खिताब जीत लिया। इस खिताबी जीत की सिन्धु के लिए क्या विशेषता थी? – यह सिन्धु द्वारा मकाऊ ओपन का जीता गया लगातार तीसरा खिताब था तथा इसके साथ उन्होंने इस खिताब की हैट्रिक (hat-trick) पूरी कर ली
विस्तार: दो बार की गत विजेता पी.वी. सिन्धु ने मकाऊ ओपन का अपना लगातार तीसरा महिला एकल 29 नवम्बर को तब जीत लिया जब उन्होंने फाइनल में छठी वरीयता प्राप्त जापान की मिनात्सु मितानी (Minatsu Mitani) को 21-9, 21-23, 21-14 से पराजित कर दिया। सिन्धु को इस प्रतियोगिता में पाँचवी वरीयता प्रदान की गई थी।

इससे पहले उन्होंने सेमीफाइनल में दूसरी वरीयता प्राप्त जापान की ही अकाने यामागुची (Akane Yamaguchi) को एक कड़े मुकाबले में (21-8, 15-21, 21-16) से पराजित कर खिताबी फाइनल में जगह बनाई थी।


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