12 dec 2015
1) पंचायत चुनाव (Panchayat elections) लड़ने के लिए प्रत्याशियों के शिक्षित होने को अनिवार्य करने वाले एक राज्य के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने 10 दिसम्बर 2015 को दिए अपने आदेश में सही ठहरा दिया। इस प्रकार सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश विभिन्न स्तर के चुनावों के लिए न्यूनतम शैक्षिक मानकों को तैयार करने का रास्ता खोल सकता है। इस मामले में शामिल यह राज्य कौन है? – हरियाणा
विस्तार: 10 दिसम्बर 2015 को दिए अपने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ ने हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) कानून, 2015 (Haryana Panchayati Raj (Amendment) Act, 2015) की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। इस कानून में प्रावधान किया गया था कि हरियाणा राज्य में पंचायती राज प्रणाली के निर्वाचित पदों के लिए सामान्य वर्ग के पुरुष अभ्यर्थियों के लिए हाई-स्कूल की शिक्षा न्यूनतम अहर्ता हो जबकि सामान्य वर्ग की महिलाओं और दलित पुरुष अभ्यर्थियों के लिए अहर्ता आठवीं पास
तय की गई थी। वहीं दलित वर्ग की महिला अभ्यर्थियों के पाँचवीं पास को न्यूनतम अहर्ता तय किया गया था।
राज्य के इस कानून के खिलाफ कुछ पक्षों ने अपनी आपत्ति जताते हुए इस कानून को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय इस कानून को सही बताते हुए इन याचिकाओं को स्वीकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के अलावा राजस्थान(Rajasthan) ने भी अपने राज्य में ऐसे ही कानून का निर्माण किया है। माना जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय की मुहर लग जाने से कम से कम पंचायत चुनाव में अन्य राज्य भी न्यूनतम शैक्षिक अहर्ता तय करने की ओर कदम बढ़ायेंगे।
2) सीरियाई शरणार्थी समस्या (Syrian migrant crisis) से जुड़ी एक अहम घटना में सीरियाई शरणार्थियों से भरा एक विमान 10 दिसम्बर 2015 को किस देश में उतरा जिसने फरवरी 2016 के अंत तक ऐसे 25,000 लोगों को अपने देश में शरण देने की प्रतिबद्धता जताई है? – कनाडा (Canada)
विस्तार: 10 दिसम्बर 2015 की रात को कनाडा (Canada) की सेना का एक विमान 163 सीरियाई शरणार्थियों को लेकर टोरंटो हवाई अड्डे पर उतरा। इनका स्वागत कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूड्यू (Justin Trudeau) ने किया। इन शरणार्थियों का कनाडा में आना एक अहम घटना है क्योंकि तमाम पश्चिमी देशों ने मध्य-पूर्व देशों को छोड़कर भाग रहे ऐसे शरणार्थियों को अपने देश में पनाह देने के बारे में काफी उदासीनता दिखाई है। इस मुद्दे पर कनाडा का नजरिया अमेरिका के रवैये से काफी अलग दिख रहा है।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि कनाडा के सभी 10 प्रांतों के प्रमुखों तथा विपक्षी कंज़रवेटिव पार्टी के सदस्यों ने भी इन शरणार्थियों को ग्रहण करने का समर्थन किया है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूड्यू ने प्रतिबद्धता जताई है कि वे फरवरी 2016 तक ऐसे 25,000 लोगों को अपने देश में पनाह देंगे।
वैसे इस मुद्दे पर कनाडा के रुख में परिवर्तन अक्टूबर 2015 में हुए चुनावों में जस्टिन ट्रूड्यू के नेतृत्व में नई सरकार के गठित होने के बाद आया है। इससे पहले ट्रूड्यू के हाथों चुनावों में पराजित होने वाले पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर (Stephen Harper) ने अधिक शरणार्थियों को अपने देश में पनाह देने से मना कर दिया था।
3) 11 दिसम्बर 2015 को आए एक महत्वपूर्ण फैसले में प्रतिस्पर्धा अपीलीय न्यायाधीकरण (Competition Appellate Tribunal – CAT) ने देश की 11 सीमेण्ट कम्पनियों पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India – CCI) द्वारा थोंपे गए 6,316.59 करोड़ रुपए के भारी-भरकम जुर्माने के फैसले को निरस्त कर दिया। इन कम्पनियों पर आरोप था कि वे आपस में हाथ मिलाकर सीमेण्ट के मूल्यों को नियंत्रित करने के लिए कार्टल बनाने में लिप्त थे। CCI का यह आदेश कब आया था? – जून 2012 में
विस्तार: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने सीमेण्ट कम्पनियों द्वारा व्यवसाय में गलत तरीके प्रयुक्त करने के एक मामले में बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया समेत कई सम्बद्ध पक्षों की याचिकाओं को संज्ञान में लेते हुए अपनी जाँच की थी। इस जाँच के आधार पर 20 जून 2012 को CCI के अध्यक्ष तथा 6 अन्य सदस्यों की एक समिति ने 11 सीमेण्ट कम्पनियों पर 6,316.59 करोड़ रुपए का भारी-भरकम जुर्माना लगाने का आदेश दिया था। यह CCI द्वारा थोंपा गया सबसे बड़ा जुर्माना था।
इन सीमेण्ट कम्पनियों ने CCI के इस फैसले को प्रतिस्पर्धा अपीलीय न्यायाधीकरण (CAT) में चुनौती दी। इस मामले में अपनी सुनवाई को पूरा करने के बाद CAT ने 11 दिसम्बर 2015 को महत्वपूर्ण फैसला दिया जिसमें जुर्माने के इस फैसले को तर्कसंगत न बताते हुए उसने फैसले को निलंबित कर दिया।
इस मामले में शामिल 11 सीमेण्ट कम्पनियाँ हैं – ACC, अंबुजा सीमेण्ट्स, बिनानी सीमेण्ट्स, सेंचुरी टैक्सटाइल्स लिमिटेड, इण्डिया सीमेण्ट्स, JK सीमेण्ट्स, लाफार्ज इण्डिया, मद्रास सीमेण्ट्स, अल्ट्राटेक, JP एसोसिएट्स और श्री सीमेण्ट्स।
4) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) की आत्मकथा (Autobiography) का क्या नाम जिसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 दिसम्बर 2015 को आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में किया? – “ऑन माई टर्म्स : फ्रॉम द ग्रासरूट्स टू द कॉरीडोर्स ऑफ पॉवर” (“On My Terms: From the Grassroots to the Corridors of Power”)
विस्तार: शरद पवार के 75वें जन्मदिन को मनाने के लिए दिल्ली के विज्ञान-भवन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में उनकी आत्मकथा (“On My Terms: From the Grassroots to the Corridors of Power”) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जारी किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के अलावा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी समेत देश के लगभग सभी शीर्ष नेता उपस्थित थे।
इस आत्मकथा में शरद पवार की जमीनी कार्यकर्ता से उठकर देश की शक्तिशाली राजनीतिक हस्ती बनने की यात्रा का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा इसमें राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव डालने वाली उन तमाम राजनीतिक घटनाओं का उल्लेख भी किया गया है जिनसे शरद पवार का जुड़ाव था।
5) अमेरिकी प्रशासन द्वारा 10 दिसम्बर 2015 को की गई घोषणा के अनुसार उसने भारत के साथ रक्षा क्षेत्र में हुए किस प्रौद्यौगिकी हस्तांतरण समझौते (technology transfer agreement) की धाराओं में सुधार कर दिया है जिससे भारत को इस अहम प्रौद्यौगिकी के भारत में विकास करने में मदद मिलेगी? – गैस टर्बाइन इंजन प्रौद्यौगिकी हस्तांतरण (Gas-turbine engine technology transfer)
विस्तार: अमेरिकी सरकार ने भारत के साथ हुए गैस टर्बाइन इंजन प्रौद्यौगिकी हस्तांतरण (Gas-turbine engine technology transfer) समझौते के उपबन्धों को भारत के लिए अधिक सकारात्मक बनाने की घोषणा 10 दिसम्बर 2015 को की। यह घोषणा भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) की अमेरिकी रक्षा मंत्री ऐश कार्टर (Ash Carter) से वाशिंगटन में हुई मुलाकात के दौरान की गई।
अमेरिका की इस घोषणा से गैस टर्बाइन इंजन को भारत में विकसित करने तथा निर्माण करने की संभावनाएं और बलवती हो गईं हैं। इससे जेट इंजनों के विकास में अमेरिका और भारत के मध्य चल रहा सहयोग और मजबूत होगा।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका पिछले कुछ समय से रक्षा क्षेत्र के विकास के लिए भारत का प्रमुख सहयोगी देश बनकर उभरा है। वहीं अमेरिका ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की “मेक इन इण्डिया” मुहिम को अपना सहयोग देने का पूरा आश्वासन भी दिया है।
13-14 DEC 2015
1) पेरिस (Paris) में 21वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (UN Climate Change Summit – COP21)में दुनिया के 196 देशों ने एक ऐतिहासिक समझौता के मसौदे को अपनी स्वीकृति 12 दिसम्बर 2015 को प्रदान कर दी जिसके अनुसार सभी देश वैश्विक तापमान वृद्धि (Global Warming) को दो डिग्री से काफी कम रखने पर अपना योगदान देने पर राजी हो गए। समझौते में एक अहम व्यवस्था यह की गई है कि विकासशील देशों को पर्यावरण संकट से निपटने के प्रयासों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। यह महात्वाकांक्षी समझौता कब से प्रभाव में आयेगा? – वर्ष 2020 से
विस्तार: इस ऐतिहासिक समझौते का मुख्य लक्ष्य वैश्विक तापमान में होने वाली वृद्धि को पूर्व-औद्यगिक युग के तापमान (pre-industrial temperatures) के परिप्रेक्ष्य में 2 डिग्री से काफी कम रखना तय किया गया है। वैश्विक तापमान वृद्धि को सीमित रखने की यह चुनौती तब और कड़ी हो सकती है जब यह महात्वाकांक्षी लक्ष्य आवश्यकानुसार 1.5 डिग्री सेल्सियस भी हो सकता है।
यह ऐतिहासिक जलवायु सम्मेलन पेरिस में 30 नवम्बर 2015 को शुरू हुए सम्मेलन में दो सप्ताह के गहन विचार-विमर्श और चर्चा के दौर के बाद 12 दिसम्बर 2015 को अपने मुकाम पर पहुँचा।
इस समझौते को वर्ष 2020 में प्रभाव में लाया जायेगा जबकि इसके क्रियान्वयन के तीन वर्ष बाद वर्ष 2023 में इसकी पहली वैश्विक समीक्षा की जायेगी। इसके बाद प्रत्येक पाँच वर्ष में यह समीक्षा की जायेगी। वहीं इस समझौता का वर्ष 2025 अथवा 2030 में हिस्सा बनने वाले देशों को वर्ष 2020 तक इसकी अंतिम जानकारी प्रदान करनी होगी।
जलवायु समझौते के कुछ प्रमुख बिन्दु
इसके तहत वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री से काफी कम रखने पर सहमति जताई गई है जबकि इसे 1.5 डिग्री तक सीमित करने के सम्बन्ध में भी देशों ने अपनी राय पेश की है (हालांकि चीन और भारत जैसे देशों के लिए इसका अनुपालन करना मुश्किल होगा)
इस समझौते में विभिन्न विकासशील देशों के लिए उत्तरदायित्व के अलग-अलग स्तर उनकी अलग-अलग क्षमता के स्तर के आधार पर तय किए गए हैं
समझौते में वर्ष 2020 तक विकासशील देशों के लिए 100 अरब डॉलर तक आर्थिक सहायता की व्यवस्था भी की गई है जिससे वे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपेक्षित मात्रा में धन व्यय कर सकेंगे।
इसके अलावा जलवायु परिवर्तन नीतियों में यथोचित परिवर्तन करने की व्यवस्था भी की गई है।
2) किस अफ्रीकी देश ने 12 दिसम्बर 2015 को स्वयं को एक इस्लामी गणराज्य (Islamic republic) घोषित कर दिया? – गांबिया (Gambia)
विस्तार: गांबिया (Gambia) के राष्ट्रपति याह्या जामेह (Yahya Jammeh) ने अपने मुस्लिम-बहुल देश को 12 दिसम्बर को एक इस्लामी गणराज्य (Islamic republic) बनाने की घोषणा की। यह घोषणा एक सार्वजनिक प्रसारण में करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इससे उनका देश अपने औपनिवेशिक अतीत से पीछा छुड़ा सकेगा।
गांबिया की 90% जनसंख्या इस्लाम धर्मावलम्बी है। उल्लेखनीय है कि गांबिया के पश्चिमी देशों से सम्बन्धों में पिछले कुछ समय में कटुता आई है। वर्ष 2013 में राष्ट्रपति जामेह ने राष्ट्रमण्डल (Commonwealth) की सदस्यता को यह कहकर छोड़ दिया कि यह संगठन नव-उपनिवेशवाद (neo-colonial) का प्रतीक बनकर उभरा है।
3) कृषि-अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, पत्रकार तथा प्रसिद्ध किसान नेता शरद जोशी (Sharad Joshi) का 81 वर्ष की आयु में 12 दिसम्बर 2015 को पुणे में निधन हो गया। उन्हें महाराष्ट्र में किसानों के किस प्रसिद्ध संगठन की स्थापना के लिए जाना जाता है? –“शेतकारी संगटना” (‘Shetkari Sanghatana’)
विस्तार: शरद अनंतराव जोशी एक बहु-आयामी व्यक्तित्व थे लेकिन उनका मुख्य झुकाव किसानों की समस्याओं और कृषि क्षेत्र की चुनौतियों की तरफ था। वे राज्यसभा के सांसद भी रहे थे जहाँ उन्होंने महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया था। वे 80 के दशक के दौरान महाराष्ट्र की राजनीति के शिखर पुरुषों में से एक थे।
लेकिन उनको सर्वाधिक प्रसिद्धि “शेतकारी संघटना” (‘Shetkari Sanghatana’) नामक संस्था की स्थापना से मिली जिसकी स्थापना उन्होंने 1979 में की थी। यह संस्था पूरे महाराष्ट्र के किसानों की संस्था थी जिसने किसानों की बाजारों तथा प्रौद्यौगिकी तक सुलभ पहुँच की आवाज को उठाया था।
“शेतकारी संगटना” के माध्यम से शरद जोशी ने पूरे महाराष्ट्र के किसानों को जोड़ा था जो प्याज, गन्ना तथा कपास की खेती में संलग्न थे तथा अपने उत्पादों के लिए अच्छी कीमत की अपेक्षा रखते थे।
4) 11 दिसम्बर 2015 को अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) में स्थित किस देश के दूतावास पर तालिबानी हमला किया गया जिसमें छह सुरक्षा-कर्मियों तथा तीन तालिबानी हमलावरों की मौत हुई? – स्पेन (Spain)
विस्तार: यह हमला काबुल स्थित स्पेनी दूतावास (Spanish Embassy) से जुड़े एक गेस्ट हाउस में 11 दिसम्बर 2015 की शाम को अंजाम दिया गया। यह हमला हाल फिलहाल में काबुल में किसी विदेशी दूतावास पर किया गया सबसे बड़ा हमला था तथा काबुल के सबसे सुरक्षित समझे जाने वाले ऐसे इलाके में किया गया जहाँ अन्य दूतावास तथा अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के कार्यालय स्थित हैं।
इस हमले में दो स्पेनी सुरक्षा कर्मियों समेत कुल 6 सुरक्षाकर्मी मारे गए जबकि हमले में शामिल तीनों तालिबानी हमलावार भी मारे गए। बाद में तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी भी ले ली।
5) केन्द्र सरकार ने 11 सितम्बर 2015 को किस उत्पाद के चीन, यूरोपीय संघ और अमेरिका जैसे देशों से होने वाले आयात पर डम्पिंग-रोधी ड्यूटी (anti-dumping duties) लगाने की घोषणा की ताकि इस उत्पाद के घरेलू उत्पादकों को राहत प्रदान की जाए? – स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel)
विस्तार: केन्द्र सरकार ने 11 दिसम्बर 2015 को चीन, यूरोपीय संघ तथा अमेरिका से आयातित होने वाले स्टेनलेस स्टील उत्पादों (Stainless Steel products) पर पाँच साल के लिए आयात ड्यूटी लगाने की घोषणा की। यह आयात-ड्यूटी दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, ताइवान और थाईलैण्ड से आयातित स्टेनलेस स्टील पर भी लगाई जायेगी। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य स्टेनलेस स्टील का उत्पादन करने वाले भारतीय उत्पादकों को अनुचित प्रतिस्पर्धा से संरक्षण प्रदान करने का है क्योंकि तमाम देश बेहद सस्ते दरों पर स्टेनलेस स्टील का उत्पाद भारत में भेज कर स्थानीय उत्पादकों के लिए चुनौती बन गए हैं।
सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार कोल्ड-रोल्ड फ्लैट स्टेनलेस स्टील पर लगाई गई डम्पिंग-रोधी ड्यूटी की दर 4.6% से 57.4% तक रहेगी। उल्लेखनीय है कि सितम्बर 2015 के दौरान केन्द्र सरकार ने कुछ स्टील उत्पादों पर 20% की दर से आयात-ड्यूटी लगाई थी लेकिन इसका कोई विशेष लाभ नहीं मिला है।
वहीं बढ़ती लागत तथा कर्ज के बोझ तले दबी भारतीय स्टील निर्माता भारत सरकार से कई बार सस्ते आयात पर नकेल कसने के लिए गुहार लगा चुके हैं।
6) भारत की उस महिला साइक्लिस्ट (woman cyclist) का क्या नाम है जो कि हाल ही में जारी वर्ल्ड एलीट यूसीआई महिला रैंकिंग (World Elite UCI Women Ranking) में विश्व की चौथी वरीयता वाली साइक्लिस्ट बन कर इतने ऊँचे स्थान पर पहुँचने वाली देश की पहली महिला साइक्लिस्ट बन गईं हैं? – डेबोराह हेरॉल्ड (Deborah Herold)
विस्तार: 20-वर्षीया डेबोराह हेरॉल्ड (Deborah Herold) अण्डमान व निकोबार से सम्बन्धित हैं। उन्होंने साइक्लिंग में अपना शुरुआती प्रशिक्षण अण्डमान स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के प्रशिक्षण केन्द्र में लेना शुरू किया तथा बाद में वे दिल्ली आकर यहाँ के इंदिरा गाँधी स्टेडियम (IG Stadium) में प्रशिक्षण लेने लगीं।
वे हाल ही में जारी UCI (Union Cycliste Internationale) की महिला रैंकिंग में चौथे स्थान पर रहीं जोकि किसी भारतीय महिला साइक्लिस्ट द्वारा हासिल अब तक का सर्वोच्च स्थान है। उल्लेखनीय है कि UCI साइक्लिंग स्पर्धा की विश्व की सर्वोच्च नियामक व रैंकिंग संस्था है।

डेबोराह हेरॉल्ड को इतनी उच्च रैंकिंग नवम्बर 2015 के दौरान इंदिरा गाँधी स्टेडियम में आयोजित 500 मीटर टाइम ट्रायल्स में शानदार प्रदर्शन के बाद हासिल हुई जिसमें उन्होंने कुल 211 अंक हासिल किए थे। उन्होंने इस स्पर्धा में दक्षिण कोरिया चो सुन यंग (Cho Sun Young) को पराजित कर स्वर्ण पदक जीता था। उनके इस शानदार प्रदर्शन के चलते भारत की महिला साइक्लिंग टीम की विश्व रैंकिंग भी बढ़कर 13वीं हो गई।


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